अख्तर हर साल मक्का मस्जिद विस्फोट के दिन एक पुलिसकर्मी की हत्या कर देता है. जल्द ही, उसे मार दिया जाता है, लेकिन कुछ सालों के बाद जब उसी दिन एक पुलिसकर्मी की हत्या हो जाती है तब आईजी प्रवीण ... सभी पढ़ेंअख्तर हर साल मक्का मस्जिद विस्फोट के दिन एक पुलिसकर्मी की हत्या कर देता है. जल्द ही, उसे मार दिया जाता है, लेकिन कुछ सालों के बाद जब उसी दिन एक पुलिसकर्मी की हत्या हो जाती है तब आईजी प्रवीण चंद को अख्तर के जीवित होने का संदेह होता है.अख्तर हर साल मक्का मस्जिद विस्फोट के दिन एक पुलिसकर्मी की हत्या कर देता है. जल्द ही, उसे मार दिया जाता है, लेकिन कुछ सालों के बाद जब उसी दिन एक पुलिसकर्मी की हत्या हो जाती है तब आईजी प्रवीण चंद को अख्तर के जीवित होने का संदेह होता है.