धुंध में ससराहटों के चारों ओर रहस्य है, जो छिपी हुई सचाइयों को प्रकट करता है, समझ का प्रकाश अभी भी चमकता है भले ही धुंध गिरती रहे.धुंध में ससराहटों के चारों ओर रहस्य है, जो छिपी हुई सचाइयों को प्रकट करता है, समझ का प्रकाश अभी भी चमकता है भले ही धुंध गिरती रहे.धुंध में ससराहटों के चारों ओर रहस्य है, जो छिपी हुई सचाइयों को प्रकट करता है, समझ का प्रकाश अभी भी चमकता है भले ही धुंध गिरती रहे.